ग़मो से उलझकर मुस्कुराना मेरी आदत है, मुझे नाकामियों पे अश्क़ बहाना नहीं आता।

ग़मो से उलझकर मुस्कुराना मेरी आदत है, मुझे नाकामियों पे अश्क़ बहाना नहीं आता।

Ashq Shayari

जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।

जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं, तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं, तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।

 फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना कम नहीं होता।।

फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना कम नहीं होता।।

मुस्कुराने की आरजू में छुपाया जो दर्द को, अश्क हमारी आंखों में पत्थर के हो गए।

मुस्कुराने की आरजू में छुपाया जो दर्द को, अश्क हमारी आंखों में पत्थर के हो गए।

सोचकर बाज़ार गये था कुछ अश्क़ बेचने, हर खरीददार बोला तोहफे बिका नहीं करते।

सोचकर बाज़ार गये था कुछ अश्क़ बेचने, हर खरीददार बोला तोहफे बिका नहीं करते।

 बेवफ़ाई का मुझे जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं।

बेवफ़ाई का मुझे जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं।

आँखों से बगावत पे उतर आता है, इक अश्क अक्सर बागी हो जाता है।

आँखों से बगावत पे उतर आता है, इक अश्क अक्सर बागी हो जाता है।

जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की, जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।

जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की, जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।

कैसे रोकूँ जो अश्क आँखों से ढल जाते हैं, दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं।

कैसे रोकूँ जो अश्क आँखों से ढल जाते हैं, दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं।

आँख ने अश्क बहाए भी तो सूख जाएंगे, दिल की बस्ती में ग़म की धूप है बहुत।

आँख ने अश्क बहाए भी तो सूख जाएंगे, दिल की बस्ती में ग़म की धूप है बहुत।

तुम्हारे तो रूठने का मतलब अदा हुयी, लेकिन हमारी तो जान निकल जाती हैं।

तुम्हारे तो रूठने का मतलब अदा हुयी, लेकिन हमारी तो जान निकल जाती हैं।

कुछ इस अदा से मोहब्बत-शनास होना है ख़ुशी के बाब में मुझ को उदास होना है

कुछ इस अदा से मोहब्बत-शनास होना है ख़ुशी के बाब में मुझ को उदास होना है

 तेरे अदाओ पे मरता हूँ, लव तुझे लव मैं करता हूँ।

तेरे अदाओ पे मरता हूँ, लव तुझे लव मैं करता हूँ।

बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में  हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले

बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले

 मोहब्बत को छोड़कर क्या नही मिलता बाजार में, हुस्न जिस्म चुंबन वादा अदा जो मन करे खरीद लो।

मोहब्बत को छोड़कर क्या नही मिलता बाजार में, हुस्न जिस्म चुंबन वादा अदा जो मन करे खरीद लो।

पामाल कर के पूछते हैं किस अदा से वो  इस दिल में आग थी मिरे तलवे झुलस गए

पामाल कर के पूछते हैं किस अदा से वो इस दिल में आग थी मिरे तलवे झुलस गए

 ना अदा से होंगी ना वफा से होंगी, अब मोहब्बत जिससे भी होगी एग्जाम के बाद  होंगी।

ना अदा से होंगी ना वफा से होंगी, अब मोहब्बत जिससे भी होगी एग्जाम के बाद होंगी।

फूल कह देने से अफ़्सुर्दा कोई होता है  सब अदाएँ तिरी अच्छी हैं नज़ाकत के सिवा

फूल कह देने से अफ़्सुर्दा कोई होता है सब अदाएँ तिरी अच्छी हैं नज़ाकत के सिवा