सुन पगली मेरी बोली एक अदा हैं. जिसपे तेरे जैसी 100 छोरीया  फिदा हैं।

सुन पगली मेरी बोली एक अदा हैं. जिसपे तेरे जैसी 100 छोरीया फिदा हैं।

Adaa Shayari

आँख ने अश्क बहाए भी तो सूख जाएंगे, दिल की बस्ती में ग़म की धूप है बहुत।

आँख ने अश्क बहाए भी तो सूख जाएंगे, दिल की बस्ती में ग़म की धूप है बहुत।

तुम्हारे तो रूठने का मतलब अदा हुयी, लेकिन हमारी तो जान निकल जाती हैं।

तुम्हारे तो रूठने का मतलब अदा हुयी, लेकिन हमारी तो जान निकल जाती हैं।

कुछ इस अदा से मोहब्बत-शनास होना है ख़ुशी के बाब में मुझ को उदास होना है

कुछ इस अदा से मोहब्बत-शनास होना है ख़ुशी के बाब में मुझ को उदास होना है

 तेरे अदाओ पे मरता हूँ, लव तुझे लव मैं करता हूँ।

तेरे अदाओ पे मरता हूँ, लव तुझे लव मैं करता हूँ।

बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में  हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले

बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले

 मोहब्बत को छोड़कर क्या नही मिलता बाजार में, हुस्न जिस्म चुंबन वादा अदा जो मन करे खरीद लो।

मोहब्बत को छोड़कर क्या नही मिलता बाजार में, हुस्न जिस्म चुंबन वादा अदा जो मन करे खरीद लो।

पामाल कर के पूछते हैं किस अदा से वो  इस दिल में आग थी मिरे तलवे झुलस गए

पामाल कर के पूछते हैं किस अदा से वो इस दिल में आग थी मिरे तलवे झुलस गए

 ना अदा से होंगी ना वफा से होंगी, अब मोहब्बत जिससे भी होगी एग्जाम के बाद  होंगी।

ना अदा से होंगी ना वफा से होंगी, अब मोहब्बत जिससे भी होगी एग्जाम के बाद होंगी।

फूल कह देने से अफ़्सुर्दा कोई होता है  सब अदाएँ तिरी अच्छी हैं नज़ाकत के सिवा

फूल कह देने से अफ़्सुर्दा कोई होता है सब अदाएँ तिरी अच्छी हैं नज़ाकत के सिवा

ये अदाएँ ये इशारे ये हसीं क़ौल-ओ-क़रार  कितने आदाब के पर्दे में है इंकार की बात

ये अदाएँ ये इशारे ये हसीं क़ौल-ओ-क़रार कितने आदाब के पर्दे में है इंकार की बात

बोले वो मुस्कुरा के बहुत इल्तिजा के ब'अद जी तो ये चाहता है तिरी मान जाइए

बोले वो मुस्कुरा के बहुत इल्तिजा के ब'अद जी तो ये चाहता है तिरी मान जाइए

दुपट्टा क्या रख लिया उसने सर पर, वो दुल्हन नजर आने लगी, उसकी तो अदा हो गई और जान हमारी जाने लगी।

दुपट्टा क्या रख लिया उसने सर पर, वो दुल्हन नजर आने लगी, उसकी तो अदा हो गई और जान हमारी जाने लगी।

 दिल मेरा चुराकर वो बड़ी अदा से बोली, वापिस लेने आए तो जान भी ले लुंगी।

दिल मेरा चुराकर वो बड़ी अदा से बोली, वापिस लेने आए तो जान भी ले लुंगी।

अदा अदा तिरी मौज-ए-शराब हो के रही  निगाह-ए-मस्त से दुनिया ख़राब हो के रही

अदा अदा तिरी मौज-ए-शराब हो के रही निगाह-ए-मस्त से दुनिया ख़राब हो के रही

मुझे उस पगली की ये नादान अदा खूब  भाती हैं, नाराज़ मुझसे होती हैं और गुस्सा सबको दिखाती हैं।

मुझे उस पगली की ये नादान अदा खूब भाती हैं, नाराज़ मुझसे होती हैं और गुस्सा सबको दिखाती हैं।

हमारी अदा पे तो नफरत करने वाले भी फ़िदा हैं तो फिर सोच प्यार करने वालो का क्या हाल  होगा।

हमारी अदा पे तो नफरत करने वाले भी फ़िदा हैं तो फिर सोच प्यार करने वालो का क्या हाल होगा।

मेरी पिक मेरी अदा, पर, तुम क्या.ज़माना भी फ़िदा हैं।

मेरी पिक मेरी अदा, पर, तुम क्या.ज़माना भी फ़िदा हैं।

ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत, अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये।

ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत, अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये।