तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी, नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़क कर। - Adaa Shayari

तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी, नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़क कर।

Adaa Shayari