सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती, दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए। - Adaa Shayari

सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती, दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए।

Adaa Shayari