ज़रूरतें रोज़ दंगे करती है घर में, रिश्तों में अक्सर कर्फ्यू लग जाते है। - Aksar Shayari

ज़रूरतें रोज़ दंगे करती है घर में, रिश्तों में अक्सर कर्फ्यू लग जाते है।

Aksar Shayari