वो पूछती थी अक्सर मैं ही नहीं समझा, हम किसी और के हो जाए तो क्या करोगे। - Aksar Shayari

वो पूछती थी अक्सर मैं ही नहीं समझा, हम किसी और के हो जाए तो क्या करोगे।

Aksar Shayari