मैं दोहरे चरित्र में जी नहीं पाता हूँ, इसलिए ही अक्सर अकेला नज़र आता हूँ। - Aksar Shayari

मैं दोहरे चरित्र में जी नहीं पाता हूँ, इसलिए ही अक्सर अकेला नज़र आता हूँ।

Aksar Shayari