मैं अक्सर राह चलते सोचता हूँ, मैं आख़िर ये सफ़र क्यों कर रहा हूँ! - Aksar Shayari

मैं अक्सर राह चलते सोचता हूँ, मैं आख़िर ये सफ़र क्यों कर रहा हूँ!

Aksar Shayari