काम बिगड़े हुए बन जाते हैं अक्सर मेरे, जब कभी तेरी इनायत की नज़र होती है - Aksar Shayari

काम बिगड़े हुए बन जाते हैं अक्सर मेरे, जब कभी तेरी इनायत की नज़र होती है

Aksar Shayari