जो लोग बहुत मीठे होते है, वो अक्सर मिर्च दे जाते है।

जो लोग बहुत मीठे होते है, वो अक्सर मिर्च दे जाते है।

Aksar Shayari

वो जो रहते हैं बे-हवास अक्सर, हादसों को वही बुलाते हैं

वो जो रहते हैं बे-हवास अक्सर, हादसों को वही बुलाते हैं

 मत तोला कर इबादत को अपने हिसाब से, रहमतें उसकी देखकर, अक्सर तराज़ू टूट जाते हैं।

मत तोला कर इबादत को अपने हिसाब से, रहमतें उसकी देखकर, अक्सर तराज़ू टूट जाते हैं।

एक शख्स की खातिर हंसना छोड़ देते हैं, इश्क़ में ठुकराए हुए अक्सर जीना छोड़ देते हैं।

एक शख्स की खातिर हंसना छोड़ देते हैं, इश्क़ में ठुकराए हुए अक्सर जीना छोड़ देते हैं।

आप मुझ को जहाँ समझते हैं, मैं ख़ुद अक्सर वहाँ नहीं होता!

आप मुझ को जहाँ समझते हैं, मैं ख़ुद अक्सर वहाँ नहीं होता!

हर रोज़ मय-कदों में रही हाज़िरी मेरी, ज़ाहिद तिरी नमाज़ तो अक्सर क़ज़ा हुई।

हर रोज़ मय-कदों में रही हाज़िरी मेरी, ज़ाहिद तिरी नमाज़ तो अक्सर क़ज़ा हुई।

 तुम अक्सर दिखते तो नहीं मगर, छोड़ो हर बार इल्तिज़ा नहीं करनी।

तुम अक्सर दिखते तो नहीं मगर, छोड़ो हर बार इल्तिज़ा नहीं करनी।

अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर, न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है।

अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर, न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है।

अक्सर मेरी अंधी आँखें पढ़ती हैं, बहते हुए पानी पर तेरा नाम लिखा

अक्सर मेरी अंधी आँखें पढ़ती हैं, बहते हुए पानी पर तेरा नाम लिखा

काम बिगड़े हुए बन जाते हैं अक्सर मेरे, जब कभी तेरी इनायत की नज़र होती है

काम बिगड़े हुए बन जाते हैं अक्सर मेरे, जब कभी तेरी इनायत की नज़र होती है

रात गए अक्सर दिल के वीरानों में, इक साए का आना जाना होता है!

रात गए अक्सर दिल के वीरानों में, इक साए का आना जाना होता है!

किसान खेतों में अक्सर अपने ख़्वाबों को बोता है, और बदले में भूख की फसल काटता है।

किसान खेतों में अक्सर अपने ख़्वाबों को बोता है, और बदले में भूख की फसल काटता है।

मिलता था हर रंग जिन्दगी का जिसमें, वो आज अलविदा जाने क्यो कह रहा है।

मिलता था हर रंग जिन्दगी का जिसमें, वो आज अलविदा जाने क्यो कह रहा है।

मिले थे किसी मोड़ पर सोचा था कभी होंगे न जुड़ा, वक़्त ऐसा आया कि कहना पड़ा अलविदा।

मिले थे किसी मोड़ पर सोचा था कभी होंगे न जुड़ा, वक़्त ऐसा आया कि कहना पड़ा अलविदा।

जानता था उसे अलविदा कहते वक़्त की अब कभी नहीं मिलेंगे फिर भी ना जाने क्यों बोल आए की फिर मिलेंगे।

जानता था उसे अलविदा कहते वक़्त की अब कभी नहीं मिलेंगे फिर भी ना जाने क्यों बोल आए की फिर मिलेंगे।

वो अलविदा की रस्म भी अजीब थी, उसका पत्थर सा चेहरा कभी भूलता नहीं।

वो अलविदा की रस्म भी अजीब थी, उसका पत्थर सा चेहरा कभी भूलता नहीं।

जाते हुये अलविदा नहीं कहा उसनें, फ़िर तो इंतज़ार करना हक है मेरा।

जाते हुये अलविदा नहीं कहा उसनें, फ़िर तो इंतज़ार करना हक है मेरा।

 कुछ दिन साथ चलने वाले, थोड़ा और साथ चलने की तमन्ना थी, मजबूरी है कहना ही पड़ेगा अलविदा।

कुछ दिन साथ चलने वाले, थोड़ा और साथ चलने की तमन्ना थी, मजबूरी है कहना ही पड़ेगा अलविदा।

उनसे अलविदा कहकर में खुश था क्योकि वो मुझे अलविदा कहकर खुश बहुत थे।

उनसे अलविदा कहकर में खुश था क्योकि वो मुझे अलविदा कहकर खुश बहुत थे।