किसान खेतों में अक्सर अपने ख़्वाबों को बोता है, और बदले में भूख की फसल काटता है। - Aksar Shayari

किसान खेतों में अक्सर अपने ख़्वाबों को बोता है, और बदले में भूख की फसल काटता है।

Aksar Shayari