वो अलविदा की रस्म भी अजीब थी, उसका पत्थर सा चेहरा कभी भूलता नहीं। - Alvida Shayari

वो अलविदा की रस्म भी अजीब थी, उसका पत्थर सा चेहरा कभी भूलता नहीं।

Alvida Shayari