किसने मेरी पलकों पे तितलियों के पर रखे, आज अपनी आहट भी देर तक सुनाई दी - Aahat Shayari

किसने मेरी पलकों पे तितलियों के पर रखे, आज अपनी आहट भी देर तक सुनाई दी

Aahat Shayari