पहले बोसे की नीम-गर्म आहट, फिर रग-ए-जाँ में रत-जगाई है।

पहले बोसे की नीम-गर्म आहट, फिर रग-ए-जाँ में रत-जगाई है।

Aahat Shayari

उसे अलविदा कह कर मैं खुश था क्यूंकि वो मुझे अलविदा कह कर नाखुश नहीं थी।

उसे अलविदा कह कर मैं खुश था क्यूंकि वो मुझे अलविदा कह कर नाखुश नहीं थी।

 दूर जाने की खबर सुनकर ये धड़कने रुक जाती हैं, अलविदा कहने के वक्त यार मेरी आंखें भर आती हैं।

दूर जाने की खबर सुनकर ये धड़कने रुक जाती हैं, अलविदा कहने के वक्त यार मेरी आंखें भर आती हैं।

तुझे अलविदा कह कर मैं खुश तो नहीं पर शायद अब मुझसे दूर जाकर तू दुखी होना बंद कर दे।

तुझे अलविदा कह कर मैं खुश तो नहीं पर शायद अब मुझसे दूर जाकर तू दुखी होना बंद कर दे।

गम देना पर आंसू मत देना, प्यार के बदले धोखा मत देना, जो चाहे मांग लो पर जिंदगी में, पर कभी अलविदा मत कहना।

गम देना पर आंसू मत देना, प्यार के बदले धोखा मत देना, जो चाहे मांग लो पर जिंदगी में, पर कभी अलविदा मत कहना।

जो खामोशी से अलविदा कह जाता है, वो बहुत शोर करता है दिल मे।

जो खामोशी से अलविदा कह जाता है, वो बहुत शोर करता है दिल मे।

 अक्सर सिंदूरी शामें तभी खुबसूरत होती हैं, जब तेरे आने की इनमें आहट होती है।

अक्सर सिंदूरी शामें तभी खुबसूरत होती हैं, जब तेरे आने की इनमें आहट होती है।

तेरे क़दमों की आहट को ये दिल है ढूँढता हर दम, हर इक आवाज़ पर इक थरथराहट होती जाती है

तेरे क़दमों की आहट को ये दिल है ढूँढता हर दम, हर इक आवाज़ पर इक थरथराहट होती जाती है

किसने मेरी पलकों पे तितलियों के पर रखे, आज अपनी आहट भी देर तक सुनाई दी

किसने मेरी पलकों पे तितलियों के पर रखे, आज अपनी आहट भी देर तक सुनाई दी

तुम्हारे कदमों की आहट बता रही है के तुम मेरे आस पास हो।

तुम्हारे कदमों की आहट बता रही है के तुम मेरे आस पास हो।

जब उनके आने की आहट आती हैं, उनके पायल की आवाज मदहोशी लाती हैं।

जब उनके आने की आहट आती हैं, उनके पायल की आवाज मदहोशी लाती हैं।

नींद आए तो अचानक तिरी आहट सुन लूँ , जाग उठ्ठूँ तो बदन से तिरी ख़ुश्बू आए

नींद आए तो अचानक तिरी आहट सुन लूँ , जाग उठ्ठूँ तो बदन से तिरी ख़ुश्बू आए

वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम, वही आहट। शरारत है, शरारत है, शरारत है, शरारत है।

वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम, वही आहट। शरारत है, शरारत है, शरारत है, शरारत है।

आहटें सुन रहा हूँ यादों की, आज भी अपने इंतिज़ार में गुम।

आहटें सुन रहा हूँ यादों की, आज भी अपने इंतिज़ार में गुम।

 हर इक आहट तिरी आमद का धोका, कभी तो लाज रख ले इस ख़ता की

हर इक आहट तिरी आमद का धोका, कभी तो लाज रख ले इस ख़ता की

पलट कर न पाया किसी को अगर, तो अपनी ही आहट से डर जाऊँगा

पलट कर न पाया किसी को अगर, तो अपनी ही आहट से डर जाऊँगा

मेरे क़दम की आहट पा कर, रात जो सहमी चौंक गया हूँ

मेरे क़दम की आहट पा कर, रात जो सहमी चौंक गया हूँ

शाम ढले आहट की किरनें फूटी थीं, सूरज डूब के मेरे घर में निकला था

शाम ढले आहट की किरनें फूटी थीं, सूरज डूब के मेरे घर में निकला था

मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ मांगी थी, कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए

मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ मांगी थी, कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए