कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई, दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई।

कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई, दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई।

Aahat Shayari

नींद आए तो अचानक तिरी आहट सुन लूँ , जाग उठ्ठूँ तो बदन से तिरी ख़ुश्बू आए

नींद आए तो अचानक तिरी आहट सुन लूँ , जाग उठ्ठूँ तो बदन से तिरी ख़ुश्बू आए

वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम, वही आहट। शरारत है, शरारत है, शरारत है, शरारत है।

वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम, वही आहट। शरारत है, शरारत है, शरारत है, शरारत है।

आहटें सुन रहा हूँ यादों की, आज भी अपने इंतिज़ार में गुम।

आहटें सुन रहा हूँ यादों की, आज भी अपने इंतिज़ार में गुम।

 हर इक आहट तिरी आमद का धोका, कभी तो लाज रख ले इस ख़ता की

हर इक आहट तिरी आमद का धोका, कभी तो लाज रख ले इस ख़ता की

पलट कर न पाया किसी को अगर, तो अपनी ही आहट से डर जाऊँगा

पलट कर न पाया किसी को अगर, तो अपनी ही आहट से डर जाऊँगा

मेरे क़दम की आहट पा कर, रात जो सहमी चौंक गया हूँ

मेरे क़दम की आहट पा कर, रात जो सहमी चौंक गया हूँ

शाम ढले आहट की किरनें फूटी थीं, सूरज डूब के मेरे घर में निकला था

शाम ढले आहट की किरनें फूटी थीं, सूरज डूब के मेरे घर में निकला था

मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ मांगी थी, कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए

मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ मांगी थी, कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए

जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ, उसी के क़दमों की आहट का इंतिज़ार भी है।

जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ, उसी के क़दमों की आहट का इंतिज़ार भी है।

जाने कब आ के वो दरवाज़े पे दस्तक दे दे, ज़िंदगी मौत की आहट से डरी रहती है।

जाने कब आ के वो दरवाज़े पे दस्तक दे दे, ज़िंदगी मौत की आहट से डरी रहती है।

कोई दस्तक न कोई आहट थी, मुद्दतों वहम के शिकार थे हम।

कोई दस्तक न कोई आहट थी, मुद्दतों वहम के शिकार थे हम।

अपनी आहट पे चौंकता हूँ मैं, किस की दुनिया में आ गया हूँ मैं।

अपनी आहट पे चौंकता हूँ मैं, किस की दुनिया में आ गया हूँ मैं।

 मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी, कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए।।

मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी, कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए।।

कोई आवाज़ न न कोई हलचल है, ऐसी ख़ामोशी से गुज़रे तो गुज़र जाएँगे!

कोई आवाज़ न न कोई हलचल है, ऐसी ख़ामोशी से गुज़रे तो गुज़र जाएँगे!

कोई दस्तक कोई आहट न सदा है कोई, दूर तक रूह में फैला हुआ सन्नाटा है

कोई दस्तक कोई आहट न सदा है कोई, दूर तक रूह में फैला हुआ सन्नाटा है

ना करने वाले केवल बहाने ढूंढते हैं और करने वाले जरिया!

ना करने वाले केवल बहाने ढूंढते हैं और करने वाले जरिया!

जोश में किया गया हर अपराध होश में आने पर परेशान कर देता है!

जोश में किया गया हर अपराध होश में आने पर परेशान कर देता है!

सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ी जाती है मन में जिसमें बिना रक्त बहे पूरा इंसान मर जाता है!

सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ी जाती है मन में जिसमें बिना रक्त बहे पूरा इंसान मर जाता है!