कोई दस्तक कोई आहट न सदा है कोई, दूर तक रूह में फैला हुआ सन्नाटा है - Aahat Shayari

कोई दस्तक कोई आहट न सदा है कोई, दूर तक रूह में फैला हुआ सन्नाटा है

Aahat Shayari