कितना भी पकड लो फिसलता जरूर है, यह वक़्त है साहिब बदलता जरूर है। सुप्रभात। शुभ रविवार।

कितना भी पकड लो फिसलता जरूर है, यह वक़्त है साहिब बदलता जरूर है। सुप्रभात। शुभ रविवार।

Shubh Ravivar Status

मेरी सोमवार सी जिन्दगी में तुम इतवार हो जान, मैं ताजा खबर और तुम सुबह का अखबार हो जान।

मेरी सोमवार सी जिन्दगी में तुम इतवार हो जान, मैं ताजा खबर और तुम सुबह का अखबार हो जान।

एक Sunday ही है जिसमें हम खुद से मिलते हैं, बाकी दिन तो बस अपने काम से मिलते हैं, Shubh Ravivar

एक Sunday ही है जिसमें हम खुद से मिलते हैं, बाकी दिन तो बस अपने काम से मिलते हैं, Shubh Ravivar

हर रविवार अपना समय अपने परिवार के साथ बिताये इससे रिश्तों में और भी ज्यादा निखार आएगा।

हर रविवार अपना समय अपने परिवार के साथ बिताये इससे रिश्तों में और भी ज्यादा निखार आएगा।

शब्द भी क्या चीज है, महके तो लगाव, बहके तो घाव।

शब्द भी क्या चीज है, महके तो लगाव, बहके तो घाव।

तुम्हारा होना इतवार के दिन जैसा है, कुछ सूझता नहीं बस अच्छा लगता है। Good Morning

तुम्हारा होना इतवार के दिन जैसा है, कुछ सूझता नहीं बस अच्छा लगता है। Good Morning

छुट्टी तो आती है, पर कोई आराम नहीं आता, क्यों औरत के हिस्से में उसका रविवार नहीं आता।

छुट्टी तो आती है, पर कोई आराम नहीं आता, क्यों औरत के हिस्से में उसका रविवार नहीं आता।

एब भी बहुत हैं मुझमें और खूबियाँ भी, ढूँढने वाले तू सोच तुझे चाहिए क्या मुजमे। सुप्रभात

एब भी बहुत हैं मुझमें और खूबियाँ भी, ढूँढने वाले तू सोच तुझे चाहिए क्या मुजमे। सुप्रभात

प्रत्येक दिन कुछ सिखाता है, इसलिए अपने रविवार को ऐसे ही व्यर्थ न जाने दें। शुभ रविवार

प्रत्येक दिन कुछ सिखाता है, इसलिए अपने रविवार को ऐसे ही व्यर्थ न जाने दें। शुभ रविवार

पूरे हफ्ते की थकान मिटाता हूँ, जब सुकून से परिवार संग इतवार मनाता हूँ।

पूरे हफ्ते की थकान मिटाता हूँ, जब सुकून से परिवार संग इतवार मनाता हूँ।

ज़िंदगी तो किसी और की बक्शी हुई अमानत हे, हम तो बस सांसों की रस्म अदा करते हैं...

ज़िंदगी तो किसी और की बक्शी हुई अमानत हे, हम तो बस सांसों की रस्म अदा करते हैं...

ये ज़रूरी नहीं हर शख़्स मसीहा ही हो, प्यार के ज़ख़्म अमानत हैं दिखाया न करो!

ये ज़रूरी नहीं हर शख़्स मसीहा ही हो, प्यार के ज़ख़्म अमानत हैं दिखाया न करो!

तुम मेरी अमानत ही नहीं तुम मेरी ज़िन्दगी हो।

तुम मेरी अमानत ही नहीं तुम मेरी ज़िन्दगी हो।

अमानत सौंप कर बुनियाद भी हश्र-आफ़रीं रख दी जहाँ से एक मुट्ठी ख़ाक उठाई थी वहीं रख दी।

अमानत सौंप कर बुनियाद भी हश्र-आफ़रीं रख दी जहाँ से एक मुट्ठी ख़ाक उठाई थी वहीं रख दी।

मैं तिरी अमानत हूँ तू मेरी अमानत है, ये जो वक़्त है 'साजिद' ये सदा नहीं होगा

मैं तिरी अमानत हूँ तू मेरी अमानत है, ये जो वक़्त है 'साजिद' ये सदा नहीं होगा

हर एक ज़र्रा बार-ए-अमानत से डर गया इक मैं ही था कि तेरे मुक़ाबिल ठहर गया!

हर एक ज़र्रा बार-ए-अमानत से डर गया इक मैं ही था कि तेरे मुक़ाबिल ठहर गया!

अमानत में ख़यानत हो रही है सलीक़े से तिजारत हो रही है।

अमानत में ख़यानत हो रही है सलीक़े से तिजारत हो रही है।

 मेरी अमानत को अमानत समझ कर रखना मैं लौटूॅगा जरूर इसे सलामत रखना।

मेरी अमानत को अमानत समझ कर रखना मैं लौटूॅगा जरूर इसे सलामत रखना।

तिरा राज़-ए-मोहब्बत ले के आए ले के जाएँगे अमानत ले के बैठे हैं अमानत ले के उट्ठेंगे।

तिरा राज़-ए-मोहब्बत ले के आए ले के जाएँगे अमानत ले के बैठे हैं अमानत ले के उट्ठेंगे।