ज़िंदगी तो किसी और की बक्शी हुई अमानत हे, हम तो बस सांसों की रस्म अदा करते हैं... - Amanat Shayari

ज़िंदगी तो किसी और की बक्शी हुई अमानत हे, हम तो बस सांसों की रस्म अदा करते हैं...

Amanat Shayari