तेरी अमानत है ये रूह मेरी, न यकीं हो तो इम्तहान ले ले. ये फैसला भी तुझ पे है अब बख्श दे या फिर जान ले ले। - Amanat Shayari

तेरी अमानत है ये रूह मेरी, न यकीं हो तो इम्तहान ले ले. ये फैसला भी तुझ पे है अब बख्श दे या फिर जान ले ले।

Amanat Shayari