बिखरा वज़ूद,  टूटे ख़्वाब,  सुलगती तन्हाईयाँ  कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।

बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।

Anjaam Shayari

मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए, न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए ।

मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए, न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए ।

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है, चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है ।

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है, चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है ।

रात की बात तो और कुछ थी मगर ये सवेरे सवेरे अँधेरा घना

रात की बात तो और कुछ थी मगर ये सवेरे सवेरे अँधेरा घना

चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है, ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अँधेरा है ।

चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है, ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अँधेरा है ।

अँधेरे में कमा कर रौशनी सबके लिए लाए दिया बन कर जले जब बाप तब त्योहार होता है

अँधेरे में कमा कर रौशनी सबके लिए लाए दिया बन कर जले जब बाप तब त्योहार होता है

मेरे नशेमन में किसी तरह का अंधेरा नहीं है, उस ख़्वाब में न जी पाऊंगा जो मेरा नहीं है।

मेरे नशेमन में किसी तरह का अंधेरा नहीं है, उस ख़्वाब में न जी पाऊंगा जो मेरा नहीं है।

लड़ाई जीतनी है गर अंधेरों से हवा की मार से बचना ज़रूरी है

लड़ाई जीतनी है गर अंधेरों से हवा की मार से बचना ज़रूरी है

सहर कैसी सहर का ज़िक्र भी इक जुर्म ठहरा है, अँधेरी रात का देखा है ये अंधेर भी मैं ने!

सहर कैसी सहर का ज़िक्र भी इक जुर्म ठहरा है, अँधेरी रात का देखा है ये अंधेर भी मैं ने!

अँधेरी रात को मैं रोज़-ए-इश्क़ समझा था, चराग़ तू ने जलाया तो दिल बुझा मेरा।

अँधेरी रात को मैं रोज़-ए-इश्क़ समझा था, चराग़ तू ने जलाया तो दिल बुझा मेरा।

 आ गया सामने अंजाम तड़प उठा दिल, अपने अफ़्साने के आग़ाज़ पे रोना आया!

आ गया सामने अंजाम तड़प उठा दिल, अपने अफ़्साने के आग़ाज़ पे रोना आया!

 तू मेरे इश्क का, बुरा अंजाम न कर, दिल रो दे मेरा, ऐसा कोई काम न कर।

तू मेरे इश्क का, बुरा अंजाम न कर, दिल रो दे मेरा, ऐसा कोई काम न कर।

 सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर विवाह होता, तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता।

सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर विवाह होता, तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता।

आग को खेल पतंगों ने समझ रखा है, सबको अंजाम का डर हो ये ज़रूरी तो नहीं।

आग को खेल पतंगों ने समझ रखा है, सबको अंजाम का डर हो ये ज़रूरी तो नहीं।

हम तो मज़ाक मे भी किसी को दर्द देने से डरते है  ना जाने लोग कैसे सोच समझ कर दिलों से खेल जाते है|

हम तो मज़ाक मे भी किसी को दर्द देने से डरते है ना जाने लोग कैसे सोच समझ कर दिलों से खेल जाते है|

आने लगा हयात को अंजाम का ख्याल, जब आरजुएं फैल-कर इक दाम बन गयीं।

आने लगा हयात को अंजाम का ख्याल, जब आरजुएं फैल-कर इक दाम बन गयीं।

तुम्हें गुमां है कि मैं जानता नहीं कुछ भी, मुझे ख़बर है कि रस्ता बदल रहे हो तुम।

तुम्हें गुमां है कि मैं जानता नहीं कुछ भी, मुझे ख़बर है कि रस्ता बदल रहे हो तुम।

 काजल लगे नैनो मे डोरे हुए गुलाबी, कैफियते अंजाम तमाम शहर हुआ शराबी।

काजल लगे नैनो मे डोरे हुए गुलाबी, कैफियते अंजाम तमाम शहर हुआ शराबी।

किसी ने मुझसे कहा-  तुम्हारी आंखें बहुत प्यारी है मैंने हस कर कहा- बारिश होने के बाद अक्सर  मोसम हसीन हो जाता है|

किसी ने मुझसे कहा- तुम्हारी आंखें बहुत प्यारी है मैंने हस कर कहा- बारिश होने के बाद अक्सर मोसम हसीन हो जाता है|