बिखरा वज़ूद,  टूटे ख़्वाब,  सुलगती तन्हाईयाँ  कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत। - Anjaam Shayari

बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।

Anjaam Shayari