बरसात का मज़ा तिरे गेसू दिखा गए  अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए  - Abr Shayari

बरसात का मज़ा तिरे गेसू दिखा गए अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए

Abr Shayari