वो चाँद खिला वो तारे हंसे ये रात अजब मतवली है, समझने वाले समझ गए जो ना समझे वो अनाड़ी है। - Anari Shayari

वो चाँद खिला वो तारे हंसे ये रात अजब मतवली है, समझने वाले समझ गए जो ना समझे वो अनाड़ी है।

Anari Shayari