अनाड़ी बन गया हूँ तेरे प्यार में, क्या अब कबाड़ी बनाओगी प्रिये। - Anari Shayari

अनाड़ी बन गया हूँ तेरे प्यार में, क्या अब कबाड़ी बनाओगी प्रिये।

Anari Shayari