हर गम हँसकर झेल जाता हूँ, अनाड़ी हूँ जनाब लेकिन अच्छा खेल जाता हूँ । - Anari Shayari

हर गम हँसकर झेल जाता हूँ, अनाड़ी हूँ जनाब लेकिन अच्छा खेल जाता हूँ ।

Anari Shayari