न हथियार से मिलते हैं, न अधिकार से मिलते हैं। दिलों पर कब्जे बस, अपने व्यवहार से मिलते हैं। - Adhikaar Shayari

न हथियार से मिलते हैं, न अधिकार से मिलते हैं। दिलों पर कब्जे बस, अपने व्यवहार से मिलते हैं।

Adhikaar Shayari