काश मैं लौट जाऊं बचपन की उन हसीं वादियों में ऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था - Bachpan Shayari

काश मैं लौट जाऊं बचपन की उन हसीं वादियों में ऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था

Bachpan Shayari