आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैं छुप-छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा

आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैं छुप-छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा

Bachpan Shayari

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है

बचपन भी क्या खूब था , जब शामें भी हुआ करती थी, अब तो सुबह के बाद, सीधा रात हो जाती है।

बचपन भी क्या खूब था , जब शामें भी हुआ करती थी, अब तो सुबह के बाद, सीधा रात हो जाती है।

काश मैं लौट जाऊं बचपन की उन हसीं वादियों में ऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था

काश मैं लौट जाऊं बचपन की उन हसीं वादियों में ऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था

बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार था तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था

बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार था तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था

चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजह हँसकर नही देखा

चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजह हँसकर नही देखा

बहुत शौक था बचपन में दूसरों को खुश रखने का, बढ़ती उम्र के साथ वो महँगा शौक भी छूट गया।

बहुत शौक था बचपन में दूसरों को खुश रखने का, बढ़ती उम्र के साथ वो महँगा शौक भी छूट गया।

वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है

वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है

ए ज़िंदगी! तू मेरी बचपन की गुड़िया जैसी बन जा, ताकि जब भी मैं जगाऊँ तू जग जा।

ए ज़िंदगी! तू मेरी बचपन की गुड़िया जैसी बन जा, ताकि जब भी मैं जगाऊँ तू जग जा।

बचपन में खेल आते थे हर इमारत की छाँव के नीचे अब पहचान गए है मंदिर कौन सा और मस्जिद कौन सा..!!

बचपन में खेल आते थे हर इमारत की छाँव के नीचे अब पहचान गए है मंदिर कौन सा और मस्जिद कौन सा..!!

बस इतनी सी अपनी कहानी है, एक बदहाल-सा बचपन, एक गुमनाम-सी जवानी है।

बस इतनी सी अपनी कहानी है, एक बदहाल-सा बचपन, एक गुमनाम-सी जवानी है।

सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त, बचपन वाला इतवार अब नहीं आता

सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त, बचपन वाला इतवार अब नहीं आता

सीखने की कोई उम्र नही होती, और फिर सीखते-सिखाते बचपन गुज़र गया।

सीखने की कोई उम्र नही होती, और फिर सीखते-सिखाते बचपन गुज़र गया।

बचपन में लगी चोट पर मां की हल्‍की-हल्‍की फूँक, और कहना कि बस अभी ठीक हो जाएगा वाकई अब तक कोई मरहम वैसा नहीं बना ।

बचपन में लगी चोट पर मां की हल्‍की-हल्‍की फूँक, और कहना कि बस अभी ठीक हो जाएगा वाकई अब तक कोई मरहम वैसा नहीं बना ।

चुपके-चुपके ,छुप-छुपा कर लड्डू उड़ाना याद है. हमकोअब तक बचपने का वो जमाना याद है !

चुपके-चुपके ,छुप-छुपा कर लड्डू उड़ाना याद है. हमकोअब तक बचपने का वो जमाना याद है !

वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन फिर नया हो जाता है।

वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन फिर नया हो जाता है।

जो सोचता था बोल देता था, बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

जो सोचता था बोल देता था, बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था !

होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था !

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।