शरारत करने का मन तो अब भी करता हैं, पता नही बचपन ज़िंदा हैं या ख़्वाहिशें अधूरी हैं।

शरारत करने का मन तो अब भी करता हैं, पता नही बचपन ज़िंदा हैं या ख़्वाहिशें अधूरी हैं।

Bachpan Shayari

सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त, बचपन वाला इतवार अब नहीं आता

सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त, बचपन वाला इतवार अब नहीं आता

सीखने की कोई उम्र नही होती, और फिर सीखते-सिखाते बचपन गुज़र गया।

सीखने की कोई उम्र नही होती, और फिर सीखते-सिखाते बचपन गुज़र गया।

बचपन में लगी चोट पर मां की हल्‍की-हल्‍की फूँक, और कहना कि बस अभी ठीक हो जाएगा वाकई अब तक कोई मरहम वैसा नहीं बना ।

बचपन में लगी चोट पर मां की हल्‍की-हल्‍की फूँक, और कहना कि बस अभी ठीक हो जाएगा वाकई अब तक कोई मरहम वैसा नहीं बना ।

चुपके-चुपके ,छुप-छुपा कर लड्डू उड़ाना याद है. हमकोअब तक बचपने का वो जमाना याद है !

चुपके-चुपके ,छुप-छुपा कर लड्डू उड़ाना याद है. हमकोअब तक बचपने का वो जमाना याद है !

वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन फिर नया हो जाता है।

वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन फिर नया हो जाता है।

जो सोचता था बोल देता था, बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

जो सोचता था बोल देता था, बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था !

होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था !

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।

ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ, बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है

ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ, बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है

बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें, आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।

बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें, आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।

सपनों की दुनियाँ से तबादला हकीकत में हो गया, यक़ीनन बचपन से पहले उसका बचपना खो गया।

सपनों की दुनियाँ से तबादला हकीकत में हो गया, यक़ीनन बचपन से पहले उसका बचपना खो गया।

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं

सुकून की बात मत कर ए ग़ालिब बचपन वाला इतवार अब नही आता

सुकून की बात मत कर ए ग़ालिब बचपन वाला इतवार अब नही आता

जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छाँवों में, कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में

जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छाँवों में, कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में

जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.

जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.

फिर से नज़र आएंगे किसी और में हमारे ये पल सारे, बचपन के सुनहरे दिन सारे।

फिर से नज़र आएंगे किसी और में हमारे ये पल सारे, बचपन के सुनहरे दिन सारे।

बचपन तो वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है, तुम बुढ़ापे की ओर दौड़ रहे हो।

बचपन तो वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है, तुम बुढ़ापे की ओर दौड़ रहे हो।

नक्शा उठा के और कोई शहर देखिए इस शहर में तो सब से मुलाकात हो गई

नक्शा उठा के और कोई शहर देखिए इस शहर में तो सब से मुलाकात हो गई