जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छाँवों में, कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में

जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छाँवों में, कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में

Bachpan Shayari

जो सोचता था बोल देता था, बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

जो सोचता था बोल देता था, बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था !

होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था !

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।

ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ, बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है

ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ, बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है

शरारत करने का मन तो अब भी करता हैं, पता नही बचपन ज़िंदा हैं या ख़्वाहिशें अधूरी हैं।

शरारत करने का मन तो अब भी करता हैं, पता नही बचपन ज़िंदा हैं या ख़्वाहिशें अधूरी हैं।

बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें, आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।

बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें, आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।

सपनों की दुनियाँ से तबादला हकीकत में हो गया, यक़ीनन बचपन से पहले उसका बचपना खो गया।

सपनों की दुनियाँ से तबादला हकीकत में हो गया, यक़ीनन बचपन से पहले उसका बचपना खो गया।

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं

सुकून की बात मत कर ए ग़ालिब बचपन वाला इतवार अब नही आता

सुकून की बात मत कर ए ग़ालिब बचपन वाला इतवार अब नही आता

जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.

जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.

फिर से नज़र आएंगे किसी और में हमारे ये पल सारे, बचपन के सुनहरे दिन सारे।

फिर से नज़र आएंगे किसी और में हमारे ये पल सारे, बचपन के सुनहरे दिन सारे।

बचपन तो वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है, तुम बुढ़ापे की ओर दौड़ रहे हो।

बचपन तो वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है, तुम बुढ़ापे की ओर दौड़ रहे हो।

नक्शा उठा के और कोई शहर देखिए इस शहर में तो सब से मुलाकात हो गई

नक्शा उठा के और कोई शहर देखिए इस शहर में तो सब से मुलाकात हो गई

और भी खुबसूरत लगने लगती हूँ, जब आईने मे नहीं खुद को, तुम्हारी आंखों मे देख लेती हूँ।

और भी खुबसूरत लगने लगती हूँ, जब आईने मे नहीं खुद को, तुम्हारी आंखों मे देख लेती हूँ।

मै तो फना हो गया उसकी एक झलक देखकर, ना जाने हर रोज़ आईने पर क्या गुजरती होगी।

मै तो फना हो गया उसकी एक झलक देखकर, ना जाने हर रोज़ आईने पर क्या गुजरती होगी।

किस तरह मेरी जान ये किरदार बने है जो तुझसे मिले है वो तेरा यार बने है

किस तरह मेरी जान ये किरदार बने है जो तुझसे मिले है वो तेरा यार बने है

उनकी आंखों के आईने में जब-जब, देखी अपनी छाया, हमनें खुद को पूरी कायनात में सबसे ज्यादा खूबसूरत पाया।

उनकी आंखों के आईने में जब-जब, देखी अपनी छाया, हमनें खुद को पूरी कायनात में सबसे ज्यादा खूबसूरत पाया।

चाहे सोने के फ़्रेम में जड़ दो आइना झूट बोलता ही नहीं

चाहे सोने के फ़्रेम में जड़ दो आइना झूट बोलता ही नहीं