आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे

Aaina Shayari

आइना कब बनाओगे मुझ को मुझ से किस दिन मिलाओगे मुझ को

आइना कब बनाओगे मुझ को मुझ से किस दिन मिलाओगे मुझ को

घर का आईना भी अब हक जता रहा है, खुद तो वैसा ही है पर मेरी उम्र बता रहा है।

घर का आईना भी अब हक जता रहा है, खुद तो वैसा ही है पर मेरी उम्र बता रहा है।

आज टूट गया तो बचकर निकलते है, कल आईना था तो रुक-रुक कर देखते थे।

आज टूट गया तो बचकर निकलते है, कल आईना था तो रुक-रुक कर देखते थे।

तुम अपने बारे में कुछ देर सोचना छोड़ो तो मैं बताऊं कि तुम किस कदर अकेले हो

तुम अपने बारे में कुछ देर सोचना छोड़ो तो मैं बताऊं कि तुम किस कदर अकेले हो

 इस दौरे-मुंसिफी में जरूरी नहीं वसीम जिस शख्स की खता हो उसी को सजा मिले

इस दौरे-मुंसिफी में जरूरी नहीं वसीम जिस शख्स की खता हो उसी को सजा मिले

शिक़ायत है, मुझे आईने से तुम्हारे, तुम मुझसे मिलने आती हो, उससे मिलने के बाद।

शिक़ायत है, मुझे आईने से तुम्हारे, तुम मुझसे मिलने आती हो, उससे मिलने के बाद।

कसूर निगाहों का नहीं आईने का था, जो चुपके से उनका दीदार आईने में कर लिया।

कसूर निगाहों का नहीं आईने का था, जो चुपके से उनका दीदार आईने में कर लिया।

प्यार अपने पे जो आता है तो क्या करते हैं, आईना देख के मुँह चूम लिया करते हैं।

प्यार अपने पे जो आता है तो क्या करते हैं, आईना देख के मुँह चूम लिया करते हैं।

आईना देख के बोले ये सँवरने वाले, अब तो बे-मौत मरेंगे मेरे मरने वाले❗

आईना देख के बोले ये सँवरने वाले, अब तो बे-मौत मरेंगे मेरे मरने वाले❗

आइना और दिल का एक ही फ़साना हैं, आखिरी अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना हैं❗

आइना और दिल का एक ही फ़साना हैं, आखिरी अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना हैं❗

तेरी सूरत और सीरत यूँ है जैसे आइने पर आइना रक्खा हुआ है

तेरी सूरत और सीरत यूँ है जैसे आइने पर आइना रक्खा हुआ है

आइना कोई ऐसा बना दे, ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं, किरदार दिखा दे!

आइना कोई ऐसा बना दे, ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं, किरदार दिखा दे!

आईना भी तुम्हे देख आहे भरता होगा, इतना भी खुद को निहारा ना कीजिये!

आईना भी तुम्हे देख आहे भरता होगा, इतना भी खुद को निहारा ना कीजिये!

 आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई

आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई

अब कैसे संभालू मैं अपने टूटे दिल के टुकड़े को, अपने ही दिल के आईने में देखो बिखर सा गया हूं!

अब कैसे संभालू मैं अपने टूटे दिल के टुकड़े को, अपने ही दिल के आईने में देखो बिखर सा गया हूं!

 मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए आइना देखा गया, बाल सँवारे गए

मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए आइना देखा गया, बाल सँवारे गए

आईना कुछ नहीं नज़र का धोखा हैं, नज़र वही आता हैं जो दिल में होता हैं।

आईना कुछ नहीं नज़र का धोखा हैं, नज़र वही आता हैं जो दिल में होता हैं।

किस लिए देखती हो आईना तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो

किस लिए देखती हो आईना तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो