मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए आइना देखा गया, बाल सँवारे गए

मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए आइना देखा गया, बाल सँवारे गए

Aaina Shayari

प्यार अपने पे जो आता है तो क्या करते हैं, आईना देख के मुँह चूम लिया करते हैं।

प्यार अपने पे जो आता है तो क्या करते हैं, आईना देख के मुँह चूम लिया करते हैं।

आईना देख के बोले ये सँवरने वाले, अब तो बे-मौत मरेंगे मेरे मरने वाले❗

आईना देख के बोले ये सँवरने वाले, अब तो बे-मौत मरेंगे मेरे मरने वाले❗

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे

आइना और दिल का एक ही फ़साना हैं, आखिरी अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना हैं❗

आइना और दिल का एक ही फ़साना हैं, आखिरी अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना हैं❗

तेरी सूरत और सीरत यूँ है जैसे आइने पर आइना रक्खा हुआ है

तेरी सूरत और सीरत यूँ है जैसे आइने पर आइना रक्खा हुआ है

आइना कोई ऐसा बना दे, ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं, किरदार दिखा दे!

आइना कोई ऐसा बना दे, ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं, किरदार दिखा दे!

आईना भी तुम्हे देख आहे भरता होगा, इतना भी खुद को निहारा ना कीजिये!

आईना भी तुम्हे देख आहे भरता होगा, इतना भी खुद को निहारा ना कीजिये!

 आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई

आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई

अब कैसे संभालू मैं अपने टूटे दिल के टुकड़े को, अपने ही दिल के आईने में देखो बिखर सा गया हूं!

अब कैसे संभालू मैं अपने टूटे दिल के टुकड़े को, अपने ही दिल के आईने में देखो बिखर सा गया हूं!

आईना कुछ नहीं नज़र का धोखा हैं, नज़र वही आता हैं जो दिल में होता हैं।

आईना कुछ नहीं नज़र का धोखा हैं, नज़र वही आता हैं जो दिल में होता हैं।

किस लिए देखती हो आईना तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो

किस लिए देखती हो आईना तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो

किरदार अपना पहले बनाने की बात क़र फिर आइना किसी को दिखने की बात कर।

किरदार अपना पहले बनाने की बात क़र फिर आइना किसी को दिखने की बात कर।

आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं. मर जाये की जी जाये कोई उनकी बला से ।

आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं. मर जाये की जी जाये कोई उनकी बला से ।

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए, साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था।

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए, साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था।

एक आईने की दुकान की दीवार पर लिखा था तेरी पहचान ही न खो जाए कहीं, इतने चेहरे न बदल।

एक आईने की दुकान की दीवार पर लिखा था तेरी पहचान ही न खो जाए कहीं, इतने चेहरे न बदल।

जाने किस किरदार की काई मेरे घर में आ पहुँची अब तो 'ज़फ़र' चलना है मुश्किल आँगन की चिकनाई में

जाने किस किरदार की काई मेरे घर में आ पहुँची अब तो 'ज़फ़र' चलना है मुश्किल आँगन की चिकनाई में

इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए। जिस का हम-साये के आँगन में भी साया जाए।

इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए। जिस का हम-साये के आँगन में भी साया जाए।

बनके चराग हम जलते रहे जिनके आंगन मे। बुझने के बाद मालूम हुआ वहाँ अंधेरा ही ना था।

बनके चराग हम जलते रहे जिनके आंगन मे। बुझने के बाद मालूम हुआ वहाँ अंधेरा ही ना था।