बरस रही है उदासी तमाम आँगन में  वो रत-जगों की हवेली बड़े अज़ाब में है  - Aangan Shayari

बरस रही है उदासी तमाम आँगन में वो रत-जगों की हवेली बड़े अज़ाब में है

Aangan Shayari