ना मांगू मैं महल, ना बंगला ना कोठी, जन्म मिले उस आंगन में जहाँ जले राधे की ज्योति। - Aangan Shayari

ना मांगू मैं महल, ना बंगला ना कोठी, जन्म मिले उस आंगन में जहाँ जले राधे की ज्योति।

Aangan Shayari