ये कौन आग लगाने पे है यहां मामूर ये कौन शहर को मक़्तल बनाने वाला है! - Aag Shayari

ये कौन आग लगाने पे है यहां मामूर ये कौन शहर को मक़्तल बनाने वाला है!

Aag Shayari