आग कहीं भी लग सकती है इस बरसात के मौसम में, बादल की आँखों से टपका हर आंसू अंगारा है! - Aag Shayari

आग कहीं भी लग सकती है इस बरसात के मौसम में, बादल की आँखों से टपका हर आंसू अंगारा है!

Aag Shayari