पेड़ का दुख तो कोई पूछने वाला ही न था अपनी ही आग में जलता हुआ साया देखा! - Aag Shayari

पेड़ का दुख तो कोई पूछने वाला ही न था अपनी ही आग में जलता हुआ साया देखा!

Aag Shayari