रुत बदली तो ज़मीं के चेहरे का ग़ाज़ा भी बदला रंग मगर ख़ुद आसमान ने बदले कैसे कैसे  । - Aasman Shayari

रुत बदली तो ज़मीं के चेहरे का ग़ाज़ा भी बदला रंग मगर ख़ुद आसमान ने बदले कैसे कैसे ।

Aasman Shayari