खुले आसमान में उड़ता था, आज पर कटा परिंदा हूँ, तूने तो मार दिया जीते जी मेरी माँ की बदौलत मैं जिन्दा हूँ। - Aasman Shayari

खुले आसमान में उड़ता था, आज पर कटा परिंदा हूँ, तूने तो मार दिया जीते जी मेरी माँ की बदौलत मैं जिन्दा हूँ।

Aasman Shayari