आसमाँ अपने इरादों में मगन है लेकिन आदमी अपने ख़यालात लिए फिरता है ! - Aasman Shayari

आसमाँ अपने इरादों में मगन है लेकिन आदमी अपने ख़यालात लिए फिरता है !

Aasman Shayari