चलता रहा तू साथ मेरे, कभी आफ़ताब बनके, कभी महताब बन के। - Aaftab Shayari

चलता रहा तू साथ मेरे, कभी आफ़ताब बनके, कभी महताब बन के।

Aaftab Shayari