हमें चराग समझ कर बुझा न पाओगे, हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं । - Aaftab Shayari

हमें चराग समझ कर बुझा न पाओगे, हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं ।

Aaftab Shayari