तू आफ़ताब सही तेरी राह का ए हमदम, में छोटा सही मगर चिराग हु किसी की उम्मीदों का।

तू आफ़ताब सही तेरी राह का ए हमदम, में छोटा सही मगर चिराग हु किसी की उम्मीदों का।

Aaftab Shayari

 तेरा ख़याल दिलनशीं माहताब सा, कहने को ज़िन्दगी ये आफ़ताब थी।

तेरा ख़याल दिलनशीं माहताब सा, कहने को ज़िन्दगी ये आफ़ताब थी।

अगर ख़ुदा न करे सच ये ख़्वाब हो जाए, तेरी सहर हो मेरा आफ़ताब हो जाए!

अगर ख़ुदा न करे सच ये ख़्वाब हो जाए, तेरी सहर हो मेरा आफ़ताब हो जाए!

मैं ज़ख़्म-ए-आरज़ू हूँ, सरापा हूँ आफ़ताब, मेरी अदा-अदा में शुआयें हज़ार हैं ।

मैं ज़ख़्म-ए-आरज़ू हूँ, सरापा हूँ आफ़ताब, मेरी अदा-अदा में शुआयें हज़ार हैं ।

हमें चराग समझ कर बुझा न पाओगे, हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं ।

हमें चराग समझ कर बुझा न पाओगे, हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं ।

बेनक़ाब निकलीं वो छत पर आज, अब्रेबारां से निकला जैसे आफताब।

बेनक़ाब निकलीं वो छत पर आज, अब्रेबारां से निकला जैसे आफताब।

अब आ भी जा कि सुबह से पहले ही बुझ न जाऊं, ऐ मेरे आफताब बहोत तेज है हवा।

अब आ भी जा कि सुबह से पहले ही बुझ न जाऊं, ऐ मेरे आफताब बहोत तेज है हवा।

मैं आफताब हूँ अपनी ही आग से निखरता हूँ, तू माहताब है तुझे मेरी ज़रूरत है।

मैं आफताब हूँ अपनी ही आग से निखरता हूँ, तू माहताब है तुझे मेरी ज़रूरत है।

न जाने कितने चिरागों को मिल गई शोहरत, इक आफताब के बे वक्त डूब जाने से।

न जाने कितने चिरागों को मिल गई शोहरत, इक आफताब के बे वक्त डूब जाने से।

मैं भटकती हूँ क्यूँ अंधेरे में, वो अगर आफताब जैसा है।

मैं भटकती हूँ क्यूँ अंधेरे में, वो अगर आफताब जैसा है।

चौदवी का चाँद हो, या आफताब हो, जो भी हो तुम, खुदा की क़सम, लाजवाब हो!

चौदवी का चाँद हो, या आफताब हो, जो भी हो तुम, खुदा की क़सम, लाजवाब हो!

वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा वो यूँ गया कि कभी लौट कर नहीं आया

वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा वो यूँ गया कि कभी लौट कर नहीं आया

 आंधियों से कहो औकात में रहें, यहाँ जरा सा तार हिल जाने से बिज़ली चली जाती है।

आंधियों से कहो औकात में रहें, यहाँ जरा सा तार हिल जाने से बिज़ली चली जाती है।

आंधी ने तोड़ दी हैं दरख्तों की टहनियां कैसे कटेगी रात परिंदे उदास हैं।

आंधी ने तोड़ दी हैं दरख्तों की टहनियां कैसे कटेगी रात परिंदे उदास हैं।

बह जाते हैं इन आंधियों में तुम्हारी यादों का सहारा लेकर व्याकुल मन को इन्हें छूने की एक तलब सी रहती है।

बह जाते हैं इन आंधियों में तुम्हारी यादों का सहारा लेकर व्याकुल मन को इन्हें छूने की एक तलब सी रहती है।

आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था।

आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था।

 प्यार के दो हसीन पल बीत गए अब दर्द की आंधी आनी है।

प्यार के दो हसीन पल बीत गए अब दर्द की आंधी आनी है।

 आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था।

आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था।

कोई तो मोहब्बत की आंधी चलाओ यारों जो जिसकी है उससे मिलाओ यारों।

कोई तो मोहब्बत की आंधी चलाओ यारों जो जिसकी है उससे मिलाओ यारों।