मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर, मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया - Aadmi Shayari

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर, मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया

Aadmi Shayari