न जाने बाहर भी कितने आसेब मुंतज़िर हों अभी मैं अंदर के आदमी से डरा हुआ हूँ

न जाने बाहर भी कितने आसेब मुंतज़िर हों अभी मैं अंदर के आदमी से डरा हुआ हूँ

Aadmi Shayari

 औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!

औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!

शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास, रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं!

शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास, रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं!

आसान नहीं है, औरत का किरदार निभा पाना, एक सफ़ेद चादर है, और दाग पानी से भी लग सकता है।

आसान नहीं है, औरत का किरदार निभा पाना, एक सफ़ेद चादर है, और दाग पानी से भी लग सकता है।

 औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम है, औरत अपना आप गवाए तब भी मुजरिम है।

औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम है, औरत अपना आप गवाए तब भी मुजरिम है।

बताऊँ क्या तुझे ऐ हम-नशीं किस से मोहब्बत है, मैं जिस दुनिया में रहता हूँ वो इस दुनिया की औरत है!

बताऊँ क्या तुझे ऐ हम-नशीं किस से मोहब्बत है, मैं जिस दुनिया में रहता हूँ वो इस दुनिया की औरत है!

 एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला, जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं!

एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला, जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं!

माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है, लेकिन मुझ को ये तो बता दे क्या तू औरत ज़ात नहीं!

माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है, लेकिन मुझ को ये तो बता दे क्या तू औरत ज़ात नहीं!

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर, मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर, मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया

एक आंधी जिसे ले जाए उड़ा कर पल में आदमी रेत के टीलों की तरह होता है

एक आंधी जिसे ले जाए उड़ा कर पल में आदमी रेत के टीलों की तरह होता है

फूल कर ले निबाह काँटों से आदमी ही न आदमी से मिले

फूल कर ले निबाह काँटों से आदमी ही न आदमी से मिले

 गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया, होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया

गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया, होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया

आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए आदमी मज़दूर है राहें बनाने के लिए

आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए आदमी मज़दूर है राहें बनाने के लिए

ख़ुदा बदल न सका आदमी को आज भी होश, और अब तक आदमी ने सैकड़ों ख़ुदा बदले।

ख़ुदा बदल न सका आदमी को आज भी होश, और अब तक आदमी ने सैकड़ों ख़ुदा बदले।

 ख़ूबसूरत है सिर्फ़ बाहर से ये इमारत भी आदमी सी है

ख़ूबसूरत है सिर्फ़ बाहर से ये इमारत भी आदमी सी है

यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं, मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे!

यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं, मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे!

फ़रिश्ते से बढ़कर है इंसान बनना, मगर इसमें लगती है मेहनत ज़्यादा!

फ़रिश्ते से बढ़कर है इंसान बनना, मगर इसमें लगती है मेहनत ज़्यादा!

सब से पुर-अम्न वाक़िआ ये है आदमी आदमी को भूल गया

सब से पुर-अम्न वाक़िआ ये है आदमी आदमी को भूल गया

आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर कम किसी से मिलता है भूल जाता हूँ मैं सितम उस के, वो कुछ इस सादगी से मिलता है!

आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर कम किसी से मिलता है भूल जाता हूँ मैं सितम उस के, वो कुछ इस सादगी से मिलता है!