फिरता है कैसे-कैसे सवालों के साथ वो उस आदमी की जामातलाशी तो लीजिए
तेरी मर्ज़ी थी तू चाहे जो बना देता मेरा लेकिन तूने आदमी तोड़ कर पत्थर नहीं बनाना था
देवताओं का ख़ुदा से होगा काम आदमी को आदमी दरकार है
दुनिया का तो पता नहीं आदमी एक बहाना है
इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं, तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे, बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला!
हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी, जिसको भी देखना बड़े गौर से देखना!
आदमी होता है माहौल से अच्छा या बुरा जानवर घर में रखे जाएं तो इन्सान से हैं
देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई दे इक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे
अपनी मोहब्बत के लिए आशियाना बदल देंगे, दिल ने चाहा तो ये फ़साना बदल देंगे, अरे दुनिया वालों तुम्हारी हस्ती ही क्या है, जरूरत पड़ी तो सारा ज़माना ही बदल देंगे।
दर्द से दोस्ती हो गई यारों, जिंदगी बे दर्द हो गई यारों, क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा, दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।
काफिले ख्वाबों के आँखों से गुज़रे सारी रात. कम्बख्त नींद ही थी जिसे आशियाना न मिला।
ये जिन्दगी है, जिन्दगी में तो तूफान तो हर रोज आयेंगे, तिनका-तिनका जोड़ कर फिर से आशियाना बनायेंगे।
पुकार लीजिए प्यार से हमें, हम दौड़े चले आयेंगे. आपका दिल ही तो है मेरा आशियाना, इसे छोड़ कर अब और कहाँ जायेंगे।।
दर्द से दोस्ती हो गई यारों, जिंदगी बे दर्द हो गई यारों, क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा, दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।
वो हमें छोड़ कर क्या चले, ख्वाबों का आशियाना टूट गया, बड़ी जालिम थी वो रात जब, वो अलविदा कहकर जाना भूल गया।
तू चाँद और मैं सितारा होता, आसमान में एक आशियाना हमारा होता, लोग तुम्हे दूर से देखते, नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता।
दिल में एक छोटा-सा आशियाना हैं, वहाँ पे एक छोटा-सा नजराना हैं, पर ये बात सब से छुपाना हैं, की वहीं पे तो जान आपका ठिकाना हैं।