आस कुछ नहीं पर विश्वास आप हो, जी कर देख लिया मैंने साँस कुछ भी नहीं बस जीने की आस आप हो।

आस कुछ नहीं पर विश्वास आप हो, जी कर देख लिया मैंने साँस कुछ भी नहीं बस जीने की आस आप हो।

Aas Shayari

 मुझे किसी से अब आस नहीं रहा, सब मतलब से मिलते हैं और बिछड़ जाते हैं।

मुझे किसी से अब आस नहीं रहा, सब मतलब से मिलते हैं और बिछड़ जाते हैं।

 चलो यही आस काफी हैं तुम्हे अब भी मैं याद हूँ।

चलो यही आस काफी हैं तुम्हे अब भी मैं याद हूँ।

मिरी उम्मीद का सूरज कि तेरी आस का चाँद, दिए तमाम ही रुख़ पर हवा के रक्खे थे!

मिरी उम्मीद का सूरज कि तेरी आस का चाँद, दिए तमाम ही रुख़ पर हवा के रक्खे थे!

बारहा बात जीने मरने की एक बिखरी सी आस हो तुम भी!

बारहा बात जीने मरने की एक बिखरी सी आस हो तुम भी!

रोज़ इस आस पे दरवाज़ा खुला रखता हूँ, शायद आ जाए वो चुपके से ।

रोज़ इस आस पे दरवाज़ा खुला रखता हूँ, शायद आ जाए वो चुपके से ।

बड़े बेगैरत है ये मेरे नैना, तेरे मिलने की आस में भी, तेरे ना मिलने के प्यास में भी, बहाते रहते है अश्रुधार, बिना मेरी इजाज़त के।

बड़े बेगैरत है ये मेरे नैना, तेरे मिलने की आस में भी, तेरे ना मिलने के प्यास में भी, बहाते रहते है अश्रुधार, बिना मेरी इजाज़त के।

बैठे है महफ़िल में इसी आस में, वो निगाहें उठाएँ तो हम सलाम करें।

बैठे है महफ़िल में इसी आस में, वो निगाहें उठाएँ तो हम सलाम करें।

 अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी, सुख – दुःख का एहसास हैं जिंदगी, फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो, आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी।

अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी, सुख – दुःख का एहसास हैं जिंदगी, फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो, आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी।

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है, हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है, सब कुछ है यहाँ बस तू नही, इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है।

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है, हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है, सब कुछ है यहाँ बस तू नही, इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है।

 वफ़ा की आस में दिल दे के पछताया नहीं करते, ये नख़्ल-ए-आरज़ू है इस में फल आया नहीं करते!

वफ़ा की आस में दिल दे के पछताया नहीं करते, ये नख़्ल-ए-आरज़ू है इस में फल आया नहीं करते!

आस पे तेरी बिखरा देता हूँ कमरे की सब चीज़ें, आस बिखरने पर सब चीज़ें ख़ुद ही उठा के रखता हूँ!

आस पे तेरी बिखरा देता हूँ कमरे की सब चीज़ें, आस बिखरने पर सब चीज़ें ख़ुद ही उठा के रखता हूँ!

 बादलों की आस उस के साथ ही रुख़्सत हुई, शहर को वो आग की बे-रहमियाँ भी दे गया!

बादलों की आस उस के साथ ही रुख़्सत हुई, शहर को वो आग की बे-रहमियाँ भी दे गया!

हर नई सुबह आस लिए आती है, शाम होती है दिल डूब के रह जाता है!

हर नई सुबह आस लिए आती है, शाम होती है दिल डूब के रह जाता है!

आस जब बन के टूट जाये कोई रूह किस तरह कसमसाती है पूछ उस बदनसीब दुल्हन से जिसकी बारात लौट जाती है!

आस जब बन के टूट जाये कोई रूह किस तरह कसमसाती है पूछ उस बदनसीब दुल्हन से जिसकी बारात लौट जाती है!

 सच्ची ख़ुशी की आस न टूटे दुआ करो, झूटी तसल्लियों से बहलते रहा करो!

सच्ची ख़ुशी की आस न टूटे दुआ करो, झूटी तसल्लियों से बहलते रहा करो!

तुम्हारी गुफ़्तुगू से आस की ख़ुश्बू छलकती है, जहाँ तुम हो वहाँ पे ज़िंदगी मालूम होती है!

तुम्हारी गुफ़्तुगू से आस की ख़ुश्बू छलकती है, जहाँ तुम हो वहाँ पे ज़िंदगी मालूम होती है!

 तेरी सदा की आस में इक शख़्स रोएगा, चेहरा अँधेरी रात का अश्कों से धोएगा!

तेरी सदा की आस में इक शख़्स रोएगा, चेहरा अँधेरी रात का अश्कों से धोएगा!

 मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में, मुरझा के आ गिरा हूँ मगर सर्द घास में!

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में, मुरझा के आ गिरा हूँ मगर सर्द घास में!