तेरी सदा की आस में इक शख़्स रोएगा, चेहरा अँधेरी रात का अश्कों से धोएगा!

तेरी सदा की आस में इक शख़्स रोएगा, चेहरा अँधेरी रात का अश्कों से धोएगा!

Aas Shayari

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है, हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है, सब कुछ है यहाँ बस तू नही, इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है।

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है, हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है, सब कुछ है यहाँ बस तू नही, इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है।

 आस कुछ नहीं पर विश्वास आप हो, जी कर देख लिया मैंने साँस कुछ भी नहीं बस जीने की आस आप हो।

आस कुछ नहीं पर विश्वास आप हो, जी कर देख लिया मैंने साँस कुछ भी नहीं बस जीने की आस आप हो।

 वफ़ा की आस में दिल दे के पछताया नहीं करते, ये नख़्ल-ए-आरज़ू है इस में फल आया नहीं करते!

वफ़ा की आस में दिल दे के पछताया नहीं करते, ये नख़्ल-ए-आरज़ू है इस में फल आया नहीं करते!

आस पे तेरी बिखरा देता हूँ कमरे की सब चीज़ें, आस बिखरने पर सब चीज़ें ख़ुद ही उठा के रखता हूँ!

आस पे तेरी बिखरा देता हूँ कमरे की सब चीज़ें, आस बिखरने पर सब चीज़ें ख़ुद ही उठा के रखता हूँ!

 बादलों की आस उस के साथ ही रुख़्सत हुई, शहर को वो आग की बे-रहमियाँ भी दे गया!

बादलों की आस उस के साथ ही रुख़्सत हुई, शहर को वो आग की बे-रहमियाँ भी दे गया!

हर नई सुबह आस लिए आती है, शाम होती है दिल डूब के रह जाता है!

हर नई सुबह आस लिए आती है, शाम होती है दिल डूब के रह जाता है!

आस जब बन के टूट जाये कोई रूह किस तरह कसमसाती है पूछ उस बदनसीब दुल्हन से जिसकी बारात लौट जाती है!

आस जब बन के टूट जाये कोई रूह किस तरह कसमसाती है पूछ उस बदनसीब दुल्हन से जिसकी बारात लौट जाती है!

 सच्ची ख़ुशी की आस न टूटे दुआ करो, झूटी तसल्लियों से बहलते रहा करो!

सच्ची ख़ुशी की आस न टूटे दुआ करो, झूटी तसल्लियों से बहलते रहा करो!

तुम्हारी गुफ़्तुगू से आस की ख़ुश्बू छलकती है, जहाँ तुम हो वहाँ पे ज़िंदगी मालूम होती है!

तुम्हारी गुफ़्तुगू से आस की ख़ुश्बू छलकती है, जहाँ तुम हो वहाँ पे ज़िंदगी मालूम होती है!

 मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में, मुरझा के आ गिरा हूँ मगर सर्द घास में!

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में, मुरझा के आ गिरा हूँ मगर सर्द घास में!

 वो नहीं है तो उसकी आस रहे, एक जाए तो एक पास रहे!

वो नहीं है तो उसकी आस रहे, एक जाए तो एक पास रहे!

 ख्वाहिशों का क़ैदी दिल, काश ये समझ सकता, सांस टूट जाती है आस टूट जाने से ।

ख्वाहिशों का क़ैदी दिल, काश ये समझ सकता, सांस टूट जाती है आस टूट जाने से ।

तुमसे मिलने की आस में, ना जाने कब दिन से रात हो जाती हैं।

तुमसे मिलने की आस में, ना जाने कब दिन से रात हो जाती हैं।

 तुम बिन अब थमने लगी हैं मेरी सांसे आहिस्ता-आहिस्ता-आहिस्ता।

तुम बिन अब थमने लगी हैं मेरी सांसे आहिस्ता-आहिस्ता-आहिस्ता।

सुधरने लगी है आजकल हालत आहिस्ता-आहिस्ता, कोई जान गया मेरी ज़रूरत आहिस्ता-आहिस्ता।

सुधरने लगी है आजकल हालत आहिस्ता-आहिस्ता, कोई जान गया मेरी ज़रूरत आहिस्ता-आहिस्ता।

दो शख़्स के बीच आपस में समझ होना बहुत ज़रूरी, सदा दूर ले जाती हर शिक़ायत आहिस्ता-आहिस्ता।

दो शख़्स के बीच आपस में समझ होना बहुत ज़रूरी, सदा दूर ले जाती हर शिक़ायत आहिस्ता-आहिस्ता।

आहिस्ता आहिस्ता आपका यकीन करने लगे हैं, आहिस्ता आहिस्ता आपके करीब आने लगे हैं, दिल तो देने से घबराते हैं मगर आहिस्ता आहिस्ता आपके दिल की कदर करने लगे हैं।

आहिस्ता आहिस्ता आपका यकीन करने लगे हैं, आहिस्ता आहिस्ता आपके करीब आने लगे हैं, दिल तो देने से घबराते हैं मगर आहिस्ता आहिस्ता आपके दिल की कदर करने लगे हैं।

 नफ़रत के बाज़ार में क्या रखा है यार, न जाओ उधर, इधर आओ ज़रा, होगी मुहब्बत आहिस्ता-आहिस्ता।

नफ़रत के बाज़ार में क्या रखा है यार, न जाओ उधर, इधर आओ ज़रा, होगी मुहब्बत आहिस्ता-आहिस्ता।