उदास कर देती है, हर रोज ये शाम मुझे यूँ लगता है, जैसे कोई मुझे भूल रहा हो आहिस्ता आहिस्ता। - Aahista Shayari

उदास कर देती है, हर रोज ये शाम मुझे यूँ लगता है, जैसे कोई मुझे भूल रहा हो आहिस्ता आहिस्ता।

Aahista Shayari