तेरे हुस्न की तपिश कहीं जला ना दे मुझे, तू कर मोहब्बत मुझसे ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता। - Aahista Shayari

तेरे हुस्न की तपिश कहीं जला ना दे मुझे, तू कर मोहब्बत मुझसे ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता।

Aahista Shayari