आहिस्ता – आहिस्ता आपका यकीन करने लगे हैं,आहिस्ता – आहिस्ता आपके करीब आने लगे हैं,दिल तो देने से घबराते है,मगर आहिस्ता-आहिस्ता आपके दिल की कदर करने लगे हैं।
मोहब्बत एक दम ग़म का एहसास होने नहीं देती, ये तितली बैठती है ज़ख्म पर आहिस्ता आहिस्ता।
आहिस्ता आहिस्ता धड़कन बढ़ने लगती है, जब इंतज़ार की घड़ी कम होने लगती है।
आहिस्ता से बोलने का उसका अंदाज भी कमाल था, कानों ने कुछ सुना भी नही, और दिल सब समझ गया।
उदास कर देती है, हर रोज ये शाम मुझे यूँ लगता है, जैसे कोई मुझे भूल रहा हो आहिस्ता आहिस्ता।
तेरे हुस्न की तपिश कहीं जला ना दे मुझे, तू कर मोहब्बत मुझसे ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता।
बदल गए कुछ लोग आहिस्ता आहिस्ता। अब तो अपना भी हक बनता है।
आहिस्ता आहिस्ता वो याद आने लगी, खाली पड़ी ये आंख आंसुओं से भर जाने लगी।
आहिस्ता चल ऐ ज़िंदगी कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैं, कुछ दर्द मिटाने बाकी हैं कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं।
मोहब्बत का रंग चढ़ता है आहिस्ता आहिस्ता, निगाह से होठों का सफर होता आहिस्ता आहिस्ता ।
बेकाबू हो जाती है उस वक्त धड़कन मेरी, जब तुम आहिस्ता आहिस्ता मेरे करीब आती हो।
सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता, निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता।
तुमसे बिछड़ने के बाद भी, क्यू मेरा दिल कह रहा हैं तुम अब भी मेरे आस पास हो।
तेरे प्यार का कितना खुबसूरत एहसास है लगता है जैसे तू हर पल मेरे आस पास है।
तुम्हारे कदमों की आहट बता रही है 👣 के तुम मेरे आस पास हो।
तेरे प्यार का कितना खूबसूरत एहसास है, दूर होकर भी लगता है जैसे तू हर पल मेरे आस पास है।
कहीं न राह में सूरज का क़हर टूट पड़े, तू अपनी याद मिरे आस-पास रहने दे!
ज़िन्दगी में कभी उदास मत होना, हम हर पल तुम्हारे साथ हे कभी मेरी याद आये तो अपनी पलकें बंध कर देना हम तुम्हारी आस पास ही हु।